Monday, July 9, 2012

आरटीआई कार्यकर्ता रमेश अगवाल पर जानलेवा हमला -


 आरटीआई  कार्यकर्ता रमेश अग्रवाल पर जानलेवा हमला –

जिंदल सहित रायगढ़ जिले के अनेक उद्योग समूहों की आँख की किरकिरी बने आरटीआई कार्यकर्ता रमेश अग्रवाल पर शनिवार दोपहर गोली चलाने वाले दोनों युवकों का पोलिस अभी तक कोई सुराग नहीं लगा पाई है रमेश अग्रवाल पर यह हमला तब हुआ, जब वो रायगढ़ में इतवारी बाजार स्थित सत्यम सायबर कैफे के अपने कार्यालय में बैठे थे

रमेश अग्रवाल ने आरटीआई के माध्यम से सूचनाएं एकत्रित करके रायगढ़ और आसपास के क्षेत्रों में लगने वाले पॉवर प्लांटों के द्वारा पर्यावरण सुरक्षा के मानकों की अनदेखी करने के खिलाफ लंबे समय से कानूनी और सीधी लड़ाई छेड़ रखी है उनके संगठन जनचेतना के साथ अनेक कार्यकर्ता तो जुड़े ही हैं, ग्रामीण क्षेत्रों से भी उन्हें व्यापक जनसमर्थन प्राप्त है रविवार, 8जून को रायगढ़ में सर्वदलीय मंच की ओर से रमेश अग्रवाल के ऊपर हुए कातिलाना हमले के विरोध में एक दिन का बंद रखा गया और रामनिवास टाकीज चौक पर आमसभा का आयोजन किया गया

ज्ञातव्य है कि पिछले वर्ष 18जून को भारत सरकार के पर्यावरण एवं वन मंत्रालय ने जिंदल के द्वारा बिना पर्यावरण क्लीयरेंस के शुरू किये गये पॉवर प्लांट के निर्माण कार्य को रुकवा दिया था और छत्तीसगढ़ प्रदेश सरकार के पर्यावरण विभाग को कार्यावाही करने का निर्देश दिया था छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिला के तमनार ब्लाक में निर्माण किये जा रहे मेसर्स जिंदल पॉवर लिमिटेड के पॉवर प्लांट के खिलाफ यह कार्यवाही रमेश अग्रवाल और उनके जनसंगठन जनचेतना की शिकायत पर ही हुई थी उसके बाद जिंदल समूह ने बौखलाकर रमेश अग्रवाल के खिलाफ 5 करोड़ रुपये माँगने और जिंदल के अधिकारियों को जान से मारने की धमकी देने के आरोप लगाकर रिपोर्ट लिखाई थी ऐसी ही शिकायतें जनचेतना के कार्यकर्ता राजेश त्रिपाठी और आदिवासी किसान मजदूर एकता संगठन के हरिहर पटेल के खिलाफ भी की गईं थीं पर, रमेश अग्रवाल के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करने के बाद पैदा हुए जनदबाव के चलते बाकी दोनों के खिलाफ पोलिस ने पर्याप्त सबूत नहीं होने की बात कहकर एफआईआर दर्ज करने से मना कर दिया था पर, जिंदल के दबाव के चलते रमेश अग्रवाल को 28मई को पोलिस ने गैर जमानतीय धाराएं लगाकर गिरफ्तार किया था पोलिस की क्रूरता इस हद तक थी कि जब रमेश अग्रवाल को तबियत खराब होने की वजह से अस्पताल में भारती किया गया तो वहाँ उन्हें हथकड़ियों में जकड़ कर रखा गया था  रमेश अग्रवाल को जमानत तीन माह बाद सर्वोच्च न्यायालय से मिली थी 

आज रमेश अग्रवाल को रायगढ़ से राजधानी रायपुर के अस्पताल में शिफ्ट किया गया है रमेश अग्रवाल ने रायगढ़ में मीडिया से बात करते हुए उन पर हमले के लिए उद्योगपतियों को जिम्मेदार बताया है रमेश अग्रवाल के उपर अभी हुए हमले को उद्योग समूहों के साथ चल रही अदावट के साथ ही जोड़कर देखा जा रहा है छत्तीसगढ़ में रायगढ़ जिला सर्वाधिक प्रदूषित है और पूरे जिले में कांग्रेस के सांसद नवीन जिंदल के मालिकाना के अनेक उद्योग, कोयला खानें, भयानक प्रदूषण फैलाने वाले स्पंज आयरन प्लांट और पॉवर प्लांट हैं इस उद्योग समूह के उपर जमीनें दबाने तथा प्लांट से निकली राखड़ को गाँव की जमीनों पर फेंकने के आरोप आम हैं लगभग 5वर्ष पूर्व ऐसी ही एक राखड़ के पहाड़ के बारीश में फ़ैल जाने से पूरा गाँव और खेत उसमें दब गये थे और अनेक लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा था

प्रदेश के अंदर, विशेषकर रायगढ़ क्षेत्र में, जिंदल उद्योग समूह का उन लोगों को डराने, धमकाने और हताश करने का लंबा इतिहास है, जो इसकी योजनाओं का विरोध करते हैं या उनमें सुधार की मांग करते हैं अभी कुछ वर्ष पूर्व ही इस समूह ने प्रदेश के जाने माने स्वतंत्रता संग्राम सेनानी रामकुमार अग्रवाल के खिलाफ देश में अनेक जगह मानहानी के मुकदमे दायर करके उन्हें 80 वर्ष की आयु में बहुत तंग किया था क्योंकि वे रायगढ़ में लगाने वाले जिंदल के स्पंज आयरन प्लांट का विरोध कर रहे थे

अग्रवाल हमला होने के एक दिन पूर्व शुक्रवार को भी धरमजयगढ़ के नवापारा में टीएनआर की जनसुनवाई के विरोध में हो रहे प्रदर्शन में शामिल हुए थे और कंपनी के खिलाफ कोर्ट जाने की तैय्यारी में थे ज्ञातव्य है कि राज्य सरकार ने अनेक छोटी बड़ी कंपनियों के साथ पॉवर प्लांट, स्पंज आयरन कारखाने, लगाने के MOU करके रखे है और ये कंपनियां किसानों से ओने पोने दाम पर जमीनों का सौदा करना चाहती हैं जनसुनवाई के नाम पर पोलिस की मौजूदगी में मनमाने निर्णय लिए जाते हैं और विरोध होने पर किसानों के खिलाफ लाठी गोली का इस्तेमाल करके जनसुनवाई को मालिकों के पक्ष में मोड़ा जाता है

अरुण कान्त शुक्ला                               

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